Historic special session of Parliament begins today, 5 days - 8 bills and shifting to new Parliament House
सरकार द्वारा ‘अमृत काल’ के दौरान बुलाया गया संसद का विशेष सत्र आज 18 सितंबर 2023 से शुरू होने जा रहा है। यह विशेष सत्र पांच दिन तक चलेगा। इस सत्र के दौरान संसदीय कार्यवाही आज सामान्य रूप से पुराने भवन में होगी। इसके पश्चात कल 19 सितंबर 2023 से नए संसद भवन में प्रवेश कर लिया जाएगा जबकि 20 सितंबर 2023 से नए संसद भवन में की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी।
सभी राजनीतिक दलों ने विशेष सत्र के लिए व्हिप किया जारी
संसद में उपस्थिति वाले सभी राजनीतिक दलों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर विशेष सत्र के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं सरकार ने कुछ विधेयकों को सूचीबद्ध किया है और विशेष सत्र के लिए भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने को अपने एजेंडे के रूप में चिह्नित किया है।
विशेष सत्र के एजेंडे में क्या है ?
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में, सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है।
इस विशेष सत्र का बड़ा महत्व
संसद के इस विशेष सत्र का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस सत्र का आगाज सितंबर को संसद की पुरानी इमारत में कार्यवाही से शुरू होगा। जबकि 20 सितंबर से संसद भवन की नई इमारत में कार्यवाही शुरू हो जाएगी। संसद के इस विशेष सत्र में 18 सितंबर को दोनों सदनों में ससंद के 75 साल के सफर पर चर्चा की जाएगी, जिसके तहत संविधान सभा से लेकर संसद की उपलब्धियों, अनुभवों और यादों की चर्चा की जाएगी। केंद्र सरकार भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत काल मना रही है। आजादी के 50 वर्ष पूरे होने पर भी 15 अगस्त 1997 को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था।
कल सदन के नेताओं की हुई सर्वदलीय बैठक
याद हो, पीएम नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। विशेष सत्र से पहले सरकार ने कल सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई। लोकसभा में सदन के उपनेता, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ. ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा सहित विपक्षी दलों के अनेक नेता बैठक में उपस्थित थे। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया को बताया कि बैठक में 34 दलों के नेता शामिल हुए और सरकार ने सुचारू सत्र के लिए सभी दलों का सहयोग मांगा।
अनेक विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने की जोरदार वकालत की। यह विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने का प्रावधान करता है। बैठक में नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में हाल की मुठभेड़ में शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नये संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी इस अवसर पर मौजूद थे।
नए संसद भवन के लिए यह पहला सत्र
उल्लेखनीय है कि नए संसद भवन के लिए यह पहला सत्र होगा। केवल इतना ही नहीं इस सत्र की विशेष तैयारियों में विभिन्न विभागों के संसदीय कर्मचारियों के लिए नए ड्रेस कोड की भी घोषणा की गई है। गौरतलब हो, ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया, मौजूदा ऐतिहासिक संसद भवन परिसर 96 वर्षों से अधिक समय से खड़ा है और यह भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का दर्शाता है। वहीं संसद की नई इमारत को वास्तुकार बिमल पटेल के नेतृत्व में अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन, योजना और प्रबंधन द्वारा तैयार किया गया है।