Stop dam constructed with substandard material
टूसा में निर्माणाधीन स्टॉप डैम में चल रही अनियमितता
एलाइनमेंट सही न होने से पानी का दबाव नहीं झेल पर पायेगी दीवार
Stop Dam poor quality material: सिंगरौली जिले के जनपद बैढन क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत टूसा के ग्राम गढ़हरा में पंचायत के द्वारा लाखों रुपए की लागत से जल संवर्धन की दिशा में स्टॉप डेम का निर्माण किया जा रहा है 5 दिन के निर्माण कार्यों को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है एवं ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माणाधीन स्टॉप डेम में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है निर्माण कार्यों में मापदंडों का ध्यान नहीं रखा गया स्टॉप डेम के निर्माण में एक तरफ जहां डैम की बुनियाद सहित बालू छड़ सीमेंट की एक निश्चित मात्रा का प्रयोग किया जाना था वहां पर इन सभी बातों को नजरअंदाज किया गया है जिसके बाद से निर्मित हो रहे इस स्टॉप डेम की आयु पर भी ग्रामीणों ने सवालिया निशान खड़ा किया है मामले में नाम ना छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि इस पूरे निर्माण कार्य में वर्तमान सरपंच के द्वारा मानकों की अनदेखी कर का फ्रेम का निर्माण किया जा रहा है एवं लाखों रुपए का भ्रष्टाचार स्टॉप डेम के नाम पर हो रहा है जिस पर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है।
जल संरक्षण अभियान के तहत जिले में मनरेगा से संचालित कार्यों में अनियमितता जारी है। उपयंत्री, सचिव, रोजगार सहायक के रहते हुए भी मानक विहीन मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है। तकनीकी रूप से भी स्टॉप डैम गलत बनाया जा रहा है। उपयंत्री न तो स्थलीय निरीक्षण कर ले आउट दे रहे हैं और न ही सतत मॉनीटरिंग ही कर रहे हैं। जिसका परिणाम है कि स्टॉप डैम को बेस बगैर एलाइनमेंट के ही मिस्त्री तैयार कर रहे हैं। ग्रामीण जिसकी शिकायती आवेदन लेकर कलेक्टर के दरबार में पहुंच चुके हैं। उधर उपयंत्री गुणवत्ता विहीन स्टॉपडैम निर्माण रूकवाने के स्थान पर उल्टे अपने वरिष्ठों को ही बातों में घुमा दे रही है। जानकारों की मानें तो ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए तीन स्टॉप डैम बनाने का कार्य शुरू हुआ है। कांक्रीटिंग की गुणवत्ता से लेकर स्टॉप डैम का मैप सही होने की जिम्मेदारी उपयंत्री के पास है। उपयंत्री कार्यस्थल का दौरा करने नहीं जाती हैं। जिसका फायदा ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक उठा रहे हैं। वह कांक्रीटिंग से बेस तैयार करने के स्थान पर बोल्डर डालकर ऊपर से प्लास्टर कर दिया जा रहा है।
जमीनी स्तर नहीं हो रहा मूल्यांकन
ग्राम पंचायतों में होने वाले बड़े निर्माण कार्य के मूल्यांकन स्थल पर जाकर किया जाना अनिवार्य है, लेकिन एक भी उपयंत्री संबंधित ग्राम पंचायत में जाकर होने वाले निर्माण कार्य का मूल्यांकन नहीं कर रहे हैं। सरपंचों द्वारा तैयार इस्टीमेट को ही उपयंत्री घर बैठे हस्ताक्षर कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो निर्माणाधीन स्टाप डैम की अधिकतम लागत 4-5 लाख रूपये तक आनी चाहिये, उसे भी बढ़ाकर 10 लाख रूपये दिखाया जा रहा है, जो पैसा स्वीकृत है, उसके हिसाब से भी मानक का पालन नहीं किया जा रहा है।
सरिया का नहीं हो रहा इस्तेमाल
स्टाप डैम का बेस 12 एमएम की सरिया से तैयार किया जाना है, लेकिन सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक बोल्डर की चुनाई कराते हुए ढलाई कर रहे हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुणवत्ता विहीन चेक डैम पिछली बारिश में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
लगभग सात लाख की लागत से बना स्टॉप डेम
स्टॉप डेम 'यह सिंचाई के साथ-साथ घरेलू और पशु उपयोग के लिए जल संचयन के उद्देश्य से उथली नदियों और धाराओं पर पानी के प्रवाह की दिशा में निर्मित एक चिनाई वाली बाधा है।सिंगरौली जिले के जनपद बैढन क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत टूसा के ग्राम गढ़हरा में पंचायत के द्वारा निर्माणाधीन स्टॉप डेम लगभग 700000 की राशि से निर्मित कराया जा रहा है स्टॉप डेम के अस्तित्व पर ग्रामीणों ने सवालिया निशान खड़ा करते हुए बताया कि इस पूरे डैम निर्माण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ग्रामीणों का आरोप है कि डैम निर्माण में सीमेंट एवं छढ़ को लेकर उचित मापदंड का प्रयोग नहीं किया गया है मानकों की अनदेखी स्पष्ट तौर पर की गई है पंचायत क्षेत्र में होने वाले इस निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद से संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच से बात करने का भी प्रयास किया गया परंतु संपर्क ना हो पाने की वजह से पंचायत का पक्ष नहीं मिल सका है।