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Singrauli News: 4 हजार टन कोयले का नहीं मिला मालिक, जाँच जारी

Rama Posted on: 2024-11-29 14:51:00 Viewer: 180 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: 4 हजार टन कोयले का नहीं मिला मालिक, जाँच जारी Singrauli News: Owner of 4 thousand tonnes of coal not found, investigation underway

गोंदवाली कोल साइडिंग से जब्त कोयले का रेलवे कर रही जाँच

Singrauli News: पश्चिम मध्य रेल जबलपुर मंडल के बरगवाँ स्टेशन के समीप गोंदवाली साइडिंग से बिना अनुमति रखा करीब 4 हजार टन कोयला किसका है, रेलवे इस बात का अभी तक पता नहीं लगा पाया है। कि उनकी साइडिंग में आखिर बिना अनुमति आया कोयला किसका है। दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि लंबे समय से इस साइडिंग में महाकाल ट्रांसपोर्ट के अलावा यहाँ कोई दूसरी फर्म लोडिंग का काम नहीं कर रही है। यह बात अलग है कि इतने बड़े पैमाने में कोयला पकड़े जाने के बाद सब कम्पनिया अपना पल्ला झाड़ रही है। इस पूरे मामले में रेलवे अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए है।

रेल प्रशासन का कहना है कि अभी जाँच जारी है। जाँच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। गौरतलब है कि विगत दिनों रेलवे विजीलेंस द्वारा गोंदवाली साइडिंग में कार्रवाई कर यहाँ बिना अनुमति रखा गया करीब एक रैक कोयला बरामद किया है। इस कार्रवाई के बाद गोंदवाली के साथ ही अन्य साइडिंगों में भी हड़कंप की स्थिति है।

झबुआ पॉवर जाना था कोयला: सूत्र

सूत्रों की मानें तो गोंदवाली साइडिंग से जब्त किए गए कोयला मामले में बालाजी ट्रांसपोर्ट के खिलाफ भी जाँच हो सकती है। बताया जाता है कि पूर्व में बालाजी कंपनी द्वारा झाबुआ पॉवर को कोयले की आपूर्ति की जाती थी लेकिन किसी कारण बस बकायेदारी बालाजी के ऊपर आ गई और बालाजी द्वारा लोडिंग और ट्रांसपोर्टिंग का काम कर रही कंपनियों ने बकाया रकम के एवज में इन्हें यहाँ से कोयला नहीं उठाने दिया। फिलहाल तो संभावना यह व्यक्त की जा रही है कि यह कोयला बालाजी का हो सकता है मगर जब तक हकीकत सामने नहीं आती, तब तक जाँच जारी हैं।

पेनाल्टी तक का है प्रावधान

जानकारों की मानें तो रेलवे के कोयला लोडिंग और अनलोडिंग को लेकर नियम काफी सख्त है। एक टैंक लोड करने के लिए स्टैंडर्ड टाइम साढ़े तीन घंटे का होता है लेकिन यहाँ 5 से 6 घंटे में लोड हो पाता है। नियम यह भी है कि कोलयार्ड में जब रैक लग जाएगा तभी ट्रांसपोर्टर कोयला अपने डंपिंग यार्ड से निकालकर कोलयार्ड में लाएगा और लोड होगा। इसमें ज्यादा वक्त लगने पर पेनाल्टी सहित कई तरह के दंड का प्रावधान है। इन सबके बावजूद यहाँ पहले से बिना अनुमति कोयले का स्टॉक रखा गया था और रेलवे अधिकारियों द्वारा किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी।

कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
इस अवैध स्टॉक में स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है। विजिलेंस टीम ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेलवे प्रशासन ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह कोयला किसका है और इसे किस उद्देश्य से साइडिंग में स्टॉक किया गया था। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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