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Singrauli News: ज़िले में खुली क्रेशर खदान हादशों को दे रहे दावत, सुरक्षा के नहीं है इंतजाम

Rama Posted on: 2024-04-29 10:16:00 Viewer: 135 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News: ज़िले में खुली क्रेशर खदान हादशों को दे रहे दावत, सुरक्षा के नहीं है इंतजाम Singrauli News: Open crusher mines in the district are inviting accidents, there are no security arrangements.

 

Singrauli News: औद्योगिक नगरी सिंगरौली में बड़े पैमाने पर खनन संबंधी कार्यों को किया जाता है क्षेत्र में कोयला खदानों के साथ-साथ क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में कई क्रशर प्लांट सालों से संचालित हो रहे हैं क्रशर प्लांट को संचालित करने के लिए खनिज विभाग के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करना क्रशर संचालकों के नियम शर्तों में शामिल होता है परंतु सिंगरौली जिले में संचालित हो रहे क्रेशर प्लांट में नियमों को ताक में रखकर क्रसर प्लांट का संचालन किया जा रहा है और ऐसा आज से नहीं बल्कि काफी समय से यह सिलसिला जारी है खनिज विभाग के आदेश को नजरअंदाज कर क्रशर प्लांट संचालकों ने तार फेंसिंग नहीं की एवं अन्य कई महत्वपूर्ण गाइडलाइन का पालन भी नहीं किया जा रहा है सबसे बड़ा सवाल तो इन क्रशर प्लांट को संचालित करने वालों से ज्यादा खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी की ही जिम्मेदारी बनती है। सिंगरौली जिला एक तरफ जहां अपने खनिज के उत्खनन के लिए जाना जाता है कई बिजली घरों को अपने अंदर संजोए हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिले में तेजी से फैल रहे प्रदूषण को लेकर जिम्मेदार खामोश बैठे हुए हैं हर वर्ष शासन के खजाने में हजारों करोड़ रुपए देने वाला यह जिला जिम्मेदारों की बेरुखी का शिकार बन रहा है।

सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी
सिंगरौली जिले के मकरोहर में संचालित होने वाले क्रशर खदान से निकाले जा रहे पत्थरों पर तो संचालकों की नजर वर्षों से है एवं लगातार उत्खनन का कार्य भी बखूबी हो रहा है परंतु यदि हम संबंधित क्रेशर खदान में सुरक्षा मानकों की बात करें तो क्रशर संचालक के द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी बड़े पैमाने पर की गई है मुख्य सड़क से महज कुछ मीटर की दूरी पर स्थित खदान आज लगभग सैकड़ों मीटर गहरी हो चुकी है क्रेशर खदान संचालकों को खनिज विभाग के द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में से एक खदान के चारों तरफ तार फेंसिंग भी अनिवार्यता की गई परंतु लगातार उत्खनन करने के कार्य में व्यस्त क्रेशर संचालकों के द्वारा सुरक्षा के नाम पर तार फेंसिंग करना शायद रास नहीं आ रहा है इसके साथ ही नियमों का पालन कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं आपको बताते चलें कि खनिज विभाग ने सभी खदान संचालकों को खदान के आसपास तार फेंसिंग के निर्देश दिए हैं लेकिन संचालकों ने इन निर्देशों पर कोई ध्यान नहीं दिया इतना ही नहीं जिले में स्थित बहुत सी खजाने ऐसी भी हैं जहां पर पत्थरों का उत्खनन तो किया जा चुका है परंतु संबंधित खदानों को खुले गड्ढों के रूप में यूं ही छोड़ा जा चुका है।खदान सड़क से कम से कम 100 मीटर की दुरी पे होना चाहिए लेकिन यह नहीं है, खदान स्टेप बय स्टेप होना चाहिए लेकिन खदान संचालक सीधे खुदाई कर रहें है जिससे खदान ढह जाने का खतरा बना हुआ है इतना ही नहीं खुले तौर पर गहरी खदानें गांव वालो और मवेशियों के लिए खतरा बन चुकी है।सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गए है।

जाने क्या कहतें हैं नियम
स्टोन क्रेशर रोड साइड कंट्रोल एक्ट के अनुसार स्थापित होगा।
स्ट्रोन क्रेशर प्लांट परिसर के मध्य में स्थापित होगा।
प्लांट के चारों तरफ कम से कम 15 फिट ऊंची दीवार का निर्माण।
15 फिट ऊंची चहारदिवारी के अंदर अधिकतम 13 फिट ऊंचाई तक कच्चे माल का भंडारण।
अगर 13 फिट ऊंचाई से अधिक कच्चे माल का भंडारण होना है तो प्रत्येक एक फिट माल की ऊंचाई के विपरीत चहारदिवारी की दो फुट ऊंचाई बढ़ाई जाएगी।
धूल कणों को रोकने के लिए डस्ट एक्सट्रैक्टर्स और वॉटर स्प्रिकंल्स विधि अपनाई जाएगी।
प्लांट परिसर में पानी का छिड़काव किया जाएगा।
ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए स्टोन क्रेसिंग संयंत्र को बंद दीवारों वाले चैंबर में स्थापित किया जाएगा।
प्लांट पसिर के अंदर सभी मार्ग पक्के होंगे।
प्लांट परिसर के अंदर 7 से 10 मीटर चौड़ी तीन कतार में चारों तरफ धूल कण रोकने वाली पेड़ों की हरित पट्टी का विकास।

सिंगरौली जिले में स्थित लगभग कई क्रेशर खदान नियमों को ताक पर रखकर संचालित की जा रही है ऐसे में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी इस पूरे मामले पर खामोश बैठे हुए हैं जिससे कि विभाग की निष्क्रियता स्पष्ट रूप से समझ में आ रही है परंतु देखने वाली बात तो यह होगी कि आने वाले समय में इस पूरे मामले पर सिंगरौली जिले का खनिज विभाग एवं जिम्मेदार जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं।

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