Singrauli News : कहीं शव वाहन के नाम पर राजनीति तो नही ?

Rama Posted on: 2023-03-19 14:02:00 Viewer: 43 Comments: 0 Country: India City: Singrauli

Singrauli News : कहीं शव वाहन के नाम पर राजनीति तो नही ? Singrauli News: Is there politics in the name of hearse?

Singrauli Mirror News: आए दिन खबरों की सुर्खियां बनने वाली महत्वपूर्ण खबरों में से एक शव को खाट पर ले जाने की तस्वीरें वायरल होती रहती हैं सबसे बड़ा सवाल तो यह यह खड़ा होता है कि केंद्र एवं राज्य सरकार भारतीय जनता पार्टी की होने के कारण पार्टी एक तरफ जहां देश के विकास के दावे को करते नजर आती है तो वहीं मध्यप्रदेश में लगभग डेढ़ दशक से ज्यादा भाजपा सरकार मौजूद है प्रदेश में भी भाजपा सरकार लगातार विकास के दावे करती आ रही है इसी विकास के नाम पर भी विधानसभा से लेकर लोकसभा का चुनाव लड़ा जाता रहा है परंतु जिस तरह से एक मृतक व्यक्ति के शव को लेकर विभिन्न तस्वीरें निकल के सामने आ रही है वह विकास के दावों की पोल खोल रही है इस पूरे मामले पर तस्वीरें वायरल होने के बाद चर्चाएं तो होती है परंतु समय के साथ वह भी समाप्त हो जाती हैं बजाय समस्या का समाधान करने के सरकारें अभी भी इस तरह अपनी आंखें बंद कर बैठी हुई हैं विगत कुछ दिन पूर्व में भी सिंगरौली जिले से भी एक ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई थी जहां एक आदिवासी महिला के शव को परिजन खटिया पर रखकर 10 किलोमीटर तक पैदल चले। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली। आखिरकार समाजसेवी ने अपना निजी वाहन दिया। जिसके बाद शव को वाहन से घर तक पहुंचाया गया। दो महीने पहले भी ऐसा ही वीडियो सामने आया था। लगातार मामले सामने आने के बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

जाने पूरा मामला

दरअसल, सीधी जिले के भूमिमाड़ थाना क्षेत्र के केसलार गांव के आदिवासी परिवार की महिला शांति सिंह की तबीयत खराब हो गई थी। परिजन उसे सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र के सरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आए। जहां इलाज कराने के बाद महिला के परिजन उसके नाना के यहां ले गए। बीते गुरुवार की सुबह महिला की तबीयत अचानक बिगड़ी। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया नहीं करा सका। कई बार सरई थाना प्रभारी से भी शव वाहन के लिए परिजनों ने संपर्क किया। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी शव वाहन व्यवस्था नहीं करा सके। गरीब आदिवासी परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह प्राइवेट वाहन कर शव को ले जा सके। आखिर थक हारकर मृतिका शांति सिंह के परिजनों ने खाट पर पैदल शव को घर ले जाने लगे। शांति के शव को उसके ससुराल ले जाने के लिए परिजनों ने डायल-100 और कई बार सरई थाना प्रभारी को फोन किया। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इसके बाद परिजन शव को खाट पर रखकर पैदल 10 किलोमीटर दूर तक का सफर तय किया। इस दौरान संबंधित घटना की खबर समाजसेवी प्रेम सिंह भाटी को लगी जिसके बाद समाजसेवी प्रेम भाटी सिंह ने परिजनों की मदद की।

दो माह पूर्व भी हुआ था वीडियो वायरल

ऐसा नहीं है कि शासन की लापरवाही का ये पहला मामला है। इससे पहले भी करीब दो महीने पहले ऐसा ही वीडियो सामने आया था। दो महीने पहले सिंगरौली की सरई तहसील में सीधी जिले के बेंदो गांव के रहने वाले मनमोहन सिंह (65) की मौत हो गई थी। दामाद ने एम्बुलेंस या शव वाहन के लिए अस्पताल में फोन किया। अस्पताल ने शव वाहन देने से मना कर दिया। कोई और व्यवस्था न होने पर परिजन खाट पर ही शव लेकर बेंदो गांव की ओर निकल पड़े।

सीएसआर के शव वाहन सीधी में

सिंगरौली जिले से लगातार निकल कर आ रही तस्वीरें यह बयां करने के लिए काफी है कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं सहित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालने वाले अस्पतालों के पास वाहनों की कमी है इतना ही नहीं जिले के विकास कार्यों को करने को लेकर जिले में स्थापित कंपनियों के द्वारा सामाजिक दायित्व के तहत किए जाने वाले खर्च की राशि को राजनैतिक पदों के लिए राजनेता इस्तेमाल कर रहे हैं प्रतिवर्ष 100 करोड से भी ज्यादा की यह राशि सोशल दायित्व के नाम पर खर्च की जा रही है परंतु सामाजिक दायित्व के नाम पर खर्च की जा रही राशि से विकास होता नजर नहीं आ रहा है आपको बताते चलें कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के सामाजिक दायित्व से प्राप्त पांच नग शव वाहन वर्तमान सांसद रीती पाठक ने प्राप्त कर एक वाहन को सिंगरौली नगर निगम के हिस्से में दिया तो वहीं अन्य चार वाहनों को सीधी जिले के जिला अस्पताल में दिया सराय क्षेत्र से लगातार शव को खाट पर ले जाने की घटनाएं लगातार निकल कर सामने आ रही है जिससे किस तरह क्षेत्र की स्थिति सभी के सामने हैं ऐसे मामलों में विधायक से लेकर सांसद सहित प्रशासनिक अधिकारी भी इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं यह कहना गलत नहीं होगा कि जिले की भोली-भाली गरीब जनता के भावनाओं के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है।

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