Singrauli News: High Court Jabalpur gave strict instructions regarding Deputy Registrar, Principal Secretary Commercial Tax should take action in 30 days
Singrauli News : सिंगरौली। सब रजिस्टार सिंगरौली की मुसीबते लगातार बढ़ती जा रही है। चितरंगी क्षेत्र के प्रतिबंधित झपरहवा गांव के 30 एकड़ भूमि रजिस्ट्री का मामला भी ठण्डा नही पड़ा की उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के न्यायालय से प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग को कड़े निर्देश दिये गये हैं। सब रजिस्टार अशोक सिंह के मामले में 30 दिवस के अन्दर एक्सन लेने के लिए कहा गया है। अन्यथा याचिकाकर्ता लोकायुक्त के यहां जाने के लिए स्वतंत्र है।
दरअसल सिंगरौली में पदस्थ उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार अपनी पहली पदस्थापना से लेकर अब तक काले कारनामों के कारण हमेसा चर्चाओं एवं विवादों में बने हुये हैं। उप पंजीयक के एक-एक कारनामा जगजाहिर हो चुका है। इसके बावजूद जिले से लेकर भोपाल में बैठे विभागीय एवं जिम्मेदार अधिकारी ठोस कार्रवाई करने से भागते नजर आ रहे हैं। इसके पीछे एक नही अनकों कारण बताये जा रहे हैं। इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया था। जहां 1 करोड़ 10 लाख से अधिक रूपये की राजस्व हानि पहुंचाने के आरोप में महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल ने 18 अगस्त 2023 को उप पंजीयक सिंगरौली अशोक सिंह परिहार को निलंबित कर दिया गया था। किन्तु करीब 2 महीने के अन्दर 6 अक्टूबर को महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल ने उप पंजीयक पर दरियादिली दिखाते हुये बहाल कर स्टाफ की कमी बताते हुये फिर से सिंगरौली के लिए बहाल कर दिया। उसमें केवल विभागीय जांच संस्थित किया। चन्द् महीनों में निलम्बन बहाल कर सिंगरौली में यथावत पदस्थ किये जाने को लेकर वरिष्ठ अधिकारी को लेकर भोपाल में बैठे अधिकारी सवालों के कटघर्रे में घिरे हुये हैं।
वही अधिकारियों की सांठ-गांठ एवं उप पंजीयक को संरक्षण मिलने की संभावना को देख संदीप साहू ने अधिवक्ता वैभव कुमार पाण्डेय के माध्यम से उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश-जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के न्यायालय में याचिका दायर किया गया। जहां याचिका के माध्यम से आरोप लगाया है कि प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग भोपाल द्वारा सब रजिस्टार कार्यालय में भ्रष्टाचार करने का आरोप होने पर भी ठोस कार्रवाई नही की है। याचिकाकर्ता के आवेदन को विद्वान न्यायमूर्ति द्वारा स्वीकार कर प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग भोपाल को निर्देश दिये गये कि याचिका का निस्तारण किया जा सकता है। अभ्यावेदन पर विचार कर निर्णय ले और इसके अतिरिक्त याचिकाकर्ता इसके लिए स्वतंत्र होगा। यदि उसके द्वारा दिये गये अभ्यावेदन पर निर्णय नही लिया जाता है तो लोकायुक्त के पास जाए। वही यह भी न्यायमूर्ति के द्वारा इस बात का उल्लेख किया गया है कि प्रमुख सचिव आदेश के प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर एक्सन ले।
सब रजिस्टार पर अनेकों आरोप, कार्रवाई शून्य
सिंगरौली में वर्षो से पदस्थ उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार पर एक नही अनियमितता करने सहित कई अनेकों गंभीर आरोप हैं। विकलांग भर्ती से लेकर स्टांप ड्यूटी में हेरफेर करने तथा नेशनल पार्क अभ्यारण्य बगदरा के प्रतिबंधित क्रय-विक्रय के बावजूद झपरहवा गांव की 30 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री करने के अलावा अन्य ऐसे कई चर्चित कई मामले हैं। जिसको लेकर उप पंजीयक आरोपों में घिरे हैं और इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर प्रमुख सचिव वाणित्यिक कर विभाग एवं महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल तक की गई। इसके बावजूद बहुचर्चित उप पंजीयक पर कार्रवाई करने की साहस शासन-प्रशासन नही जुटा पा रहा है। इसके पीछे अनेकों कारण बताए जा रहे हैं। अब उच्च न्यायालय के दखल से मामला गरमा गया है