India's Defense Export News: India's defense exports to reach record level of Rs 21,083 crore in 2023-24
India's Defense Export News: भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही देश का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह 32.5 फीसदी बढ़ा है। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र और डीपीएसयू सहित हमारे रक्षा उद्योगों ने हाल के वर्षों में सराहनीय प्रदर्शन दर्ज किया है। रक्षा मंत्रालय ने भारत के रक्षा विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने रक्षा निर्यात में नया मील का पत्थर पार करने पर सभी हितधारकों को बधाई दी है।
भारत के रक्षा निर्यात ने पिछले साल के मुकाबले 32.5 फीसदी की छलांग लगाई
सरकार की नीतिगत पहलों और रक्षा उद्योग के सहयोग से भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात में अहम उपलब्धि हासिल की थी। पिछले वित्त वर्ष में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 16 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था, जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में लगभग 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। भारत का रक्षा निर्यात 2016-17 के बाद से 10 गुना से ज्यादा बढ़ा है।
फिलहाल 85 से ज्यादा देशों को हथियार प्रणालियों का निर्यात कर रहा है भारत
भारत फिलहाल 85 से ज्यादा देशों को हथियार प्रणालियों का निर्यात कर रहा है। अब पिछले साल के मुकाबले रक्षा निर्यात ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 32.5 फीसदी की छलांग लगाई है। इस वर्ष रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
पिछले पांच साल के दौरान इस क्षेत्र में हुए सुधारों के मिल रहे अच्छे नतीजे
भारतीय उद्योग ने वर्तमान में रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाली 100 कंपनियों के साथ डिजाइन और विकास की अपनी क्षमता दुनिया को दिखाई है। पिछले पांच साल के दौरान इस क्षेत्र में हुए सुधारों के अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रिकॉर्ड रक्षा निर्यात को देश की एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ”स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 21000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत रक्षा मंत्रालय ने भारत के रक्षा विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।”
आठ सालों में भारत का रक्षा निर्यात
2016-17—-01,521
2017-18—-04,682
2018-19—-10,745
2019-20—-09,115
2020-21—-08,434
2021-22—-12,814
2022-23—-15,920
2023-24—-21,083