G20: India to lead change in urban planning through U20 on G20 platform
भारत G20 के मंच पर U20 के रास्ते अर्बन प्लानिंग में बदलाव का नेतृत्व करेगा
Singrauli Mirror News : दुनिया के सबसे अधिक घनत्व वाले शहरों में से एक ‘जकार्ता’ की जमीन दशकों से धंसती जा रही है। हम कह सकते हैं कि जकार्ता डूब रहा है। दूसरी तरफ मेक्सिको सिटी का आकार भी सिकुड़ता जा रहा है। चीन के व्यस्त शहरों में घरों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे प्रॉपर्टी क्राइसिस, प्रदूषण और स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है। कमजोर भूमि उपयोग योजना के कारण फैलते शहरी फुटप्रिंट को लेकर नाइजीरिया तनाव में है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अनौपचारिक बस्तियों का विस्तार हो रहा है। यहां तक कि भारत में भी कई शहर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए समाधान खोज रहे हैं। इस समय दुनियाभर के कई शहर एक डूबता हुआ जहाज बन गए हैं, जो अब शहरी विकास का भार मुश्किल से उठा पा रहे हैं। इन समस्याओं के समाधानों के रूप में एक बार शहर बन जाने के बाद, इसके अस्थिर फैलाव को बढ़ाने वाले भौतिक स्वरूप और भूमि उपयोग के पैटर्न को कई पीढ़ियों के लिए बंद किया जा सकता है। साथ ही पूरी दुनिया को इसके स्मार्ट समाधान और उन तरीकों के बारे में सोचने की जरूरत है, जिनमें सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए शहर वरदान बन सकते हैं।
दुनिया के बदलते जलवायु परिदृश्य में शहरी विकास की फिर से कल्पना करने के लिए वैश्विक गोलमेज वार्ता की जरूरत है, जो न केवल नागरिकता बल्कि सतत विकास लक्ष्यों की भी बात करता है। भारत अपनी G20 अध्यक्षता में कुछ प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर रहा है, जो आने वाले दशक में विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के विकास को निर्धारित करेगा। जलवायु, उपयुक्त शहरी विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ नागरिकों के दैनिक जीवन को सीधे प्रभावित करने वाले मुद्दों का समाधान करने के लिए भारत इनोवेटिव सॉल्यूशंस की ओर देख रहा है।
भारत का बोस्टन कहा जाने वाला शहर अहमदाबाद 9-10 फरवरी, 2023 तक G20 कार्यक्रमों के अर्बन 20 (U20) सिटी शेरपा चक्र की मेजबानी करने के लिए तैयार है। इन कार्यक्रमों में शहरी विकास के लिए पूरी तरह से एक नया दृष्टिकोण सामने आने की उम्मीद है। U20 एक ऐसा मंच है, जो G20 शहरों के महापौरों को एक साथ लाता है, जिसका उद्देश्य पहले से कहीं अधिक शहरी दुनिया में शहरों की भूमिका निर्धारित करना है। U20 के सिटी शेरपा देश के नवाचार, आर्थिक विकास और उत्पादकता के इंजन के रूप में शहरों (G20 और गैर-G20 दोनों) के बढ़ते महत्व को सामने लाएंगे। यह मंच सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित है।
20वीं सदी में हुए तेजी से हुए वैश्वीकरण ने शहरी नियोजन के आसपास नगरपालिका के विचारों को बदलना और उन्हें लगातार दुरुस्त करना जारी रखा है। एक ग्लोबल विलेज के रूप में शहर अपने लोगों, सरकार और पूरी दुनिया के लिए चुनौतियों का अड्डा बनते जा रहे हैं। शहर आज के समय में सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अनुभव कर रहे हैं, जो दुनिया की 75% से अधिक ऊर्जा का उपभोग करते हैं और 75% उत्सर्जन भी करते हैं। नि:संदेह इस क्रम से आगे बढ़ते हुए वे जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ ऊर्जा की अधिक मांग जारी रखेंगे। आज शहरों के सामने आनेवाली मुख्य चुनौतियों में बढ़ती गर्मी, तटीय शहरों में नियमित बाढ़, सूखा, अनियमित मानसून पैटर्न, प्रदूषण का बढ़ता स्तर, और इलाकों की भीड़-भाड़ शामिल हैं, जो इन आर्थिक राजधानियों को पतन के कगार पर ले जा रही हैं।
जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव के कारण दुनिया अब नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की तरफ मुड़ चुकी है। शहरों को जलवायु के खतरों से बचाने के लिए देशों ने ‘ईंधन कहां से प्राप्त करें’ की जगह ‘जीवाश्म ईंधन के विकल्प’ के रूप में बहस को स्थानांतरित कर दिया है। इसलिए आज के समय में इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ियां बेहद लोकप्रिय हो रही हैं।
एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ भारत ने शहरी नियोजन के विचार पर फिर से काम किया है और अपने गांवों में इसका समाधान खोजा है। गुजरात में स्थित मोढेरा सौर ग्राम, हाल ही में भारत का पहला 24×7 सौर ऊर्जा संचालित गांव बन गया है। गावों के सशक्तिकरण को और अधिक प्रभावी मानते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि अब सौर ऊर्जा नए भारत को अपने सुव्यवस्थित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाएगी और लोग अपने घरों में सौर पैनल स्थापित करेंगे और किसान अपने खेतों से बिजली पैदा करेंगे।
सतत विकास के विचार के स्वचालन की आवश्यकता है और इसे इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि यह उत्पादक के लिए आय बन जाए। इसके लिए शहरी विकास कार्यक्रमों के फोकस में शहरी कार्यप्रणाली और प्रक्रिया पर पर्याप्त ध्यान देना चाहिए। साथ ही हमारा मुख्य फोकस पारिस्थितिकी तंत्र आधारित बहाली पर निर्भर होना चाहिए। भारत अपनी U20 की अध्यक्षता में न केवल नवीकरणीय शहरी विकास के विचारों की खोज और समर्थन करने, बल्कि इसके योजनाबद्ध और समय पर कार्यान्वयन की दिशा में भी अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।