Ayurvedic medical system: Ayurvedic medical system is going to come as fashion: Union Health Minister
ayurvedic medical system: एलोपैथ के अलावा देश में अब आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की ओर भी लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आने वाले दिनों में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति फैशन के रूप में आने वाला है। लोग योग और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का महत्व फिर से समझने लगे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति एक मंच पर आए और मानव कल्याण की दिशा में कार्य करें।
दरअसल, डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के 27वें दीक्षांत समारोह और 29 वें राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आयुष में सहयोगात्मक अनुसंधान अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के बीच की खाई को पाटता है, स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को आगे बढ़ाना
इस मौके पर उन्होंने कहा, "आयुष और आईसीएमआर के बीच रणनीतिक सहयोग का उद्देश्य एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को आगे बढ़ाना, पारंपरिक आयुष प्रथाओं को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ एकीकृत करना और भारत को समग्र स्वास्थ्य देखभाल नवाचारों में सबसे आगे ले जाना है।" इस मौके पर उन्होंने आयुष स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के लिए भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक लॉन्च के साथ चयनित 4 एम्स में 5 एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान (एआई-एसीआईएचआर) आयुष-आईसीएमआर उन्नत केंद्रों की स्थापना भी की। इनमें एम्स दिल्ली के गैस्ट्रो इंटस्टाइनल विकारों से संबंधी एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्र और महिलाओं और बाल स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए उन्नत केंद्र, एम्स- जोधपुर, एम्स नागपुर और एम्स ऋषिकेश शामिल हैं।
एनीमिया पर मल्टीसेंटर क्लिनिकल ट्रायल की घोषणा
आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर के तहत सीसीआरएएस ने एनीमिया पर एक शोध अध्ययन किया है। इसका शीर्षक है पुनर्वनवादि मंडुरा की प्रभावशीलता और सुरक्षा और द्रक्षवलेहा के संयोजन में प्रजनन आयु वर्ग की गैर-गर्भवती महिलाओं में मध्यम लौह की कमी वाले एनीमिया के उपचार संबंधी कंट्रोल्ड ट्रायल अध्ययन को 8 अलग-अलग साइटों पर किया जाएगा। इस मौके पर गुरु शिष्य परंपरा के तहत नामांकित लगभग 201 शिष्यों को सीआरएवी प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।