Varanasi News: In the era of social media, public relations are necessary to exchange correct information: Dr. Bala Lakhendra
जनसंपर्क के महत्व और चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी आयोजित।
Varanasi News : शक्तिनगर , सोनभद्र । भारत के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में आज जनसंपर्क एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जनसंपर्क एक बहुत ही रचनात्मक विधा भी है जिसके जरिये किसी भी सरकारी-गैर सरकारी संस्थान, संगठन के कार्यों को जनता तक प्रभावी रूप से पहुंचाया जा सकता है। वर्तमान में जनसंपर्क हर क्षेत्र से जुड़े संस्थान के लिए बेहद जरूरी है, जनसंपर्क के जरिए जहां एक ओर जन जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। वहीं दूसरी ओर जनहित में किए जा रहे कार्यों को भी जनसंपर्क के माध्यम से जनता के बीच रखा जा सकता है। सोशल मीडिया के दौर में जनसंपर्क सही सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु और अधिक आवश्यक हो गया है।
जनसम्पर्क (पब्लिक रिलेशन) का सीधा अर्थ है 'जनता से संपर्क रखना'। जनसम्पर्क एक प्रक्रिया है जो एक उद्देश्य से व्यक्ति या वस्तु की छवि महत्व एवं विश्वास को समूह अथवा समाज में स्थापित करने में सहायक होती है। जनसंचार के विभिन्न माध्यमों से समाज या समूह से जीवन्त सम्बन्ध बनाने में यह एक सेतु का कार्य भी करता है। जनसंपर्क की शुरुआत और आवश्यकता औद्योगिक क्रांति के साथ मानी जाती है। एक दूसरे के साथ संपर्क बनाने हेतु जनसंपर्क बहुत आवश्यक है। जनसंपर्क का मूल उद्देश्य अपनी मूल संस्कृति व भारतीय विरासत को लोगों तक पहुंचना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से बड़ा कोई इतिहास में जनसंपर्क स्थापित करने वाला व्यक्ति नहीं हुआ, जो उनसे मिला उनका होकर रह गया। उक्त बातें जनसंपर्क दिवस से एक दिन पूर्व आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय पत्रकारिता जन संप्रेषण विभाग के आचार्य डॉ बाला लखेंद्र ने कही।
कार्यक्रम में बताओ मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर गुरु प्रताप सिंह ने कहा कि संपर्क और संवाद के बिना कोई भी संगठन खड़ा नहीं किया जा सकता है। आदिकाल से लेकर वर्तमान काल तक जनसंपर्क के महत्व पर जोर देते हुए सारगर्भित व्याख्यान प्रोफेसर सिंह की तरफ से उपस्थित जनसमूह को सुनने को मिला। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित डॉ ओमप्रकाश ने कहां की यदि आपको जनसंपर्क की कला आती है तो आधी बात आपके कहने की तरीके से ही समाप्त हो जाती है। हर व्यक्ति जनसंपर्क का विद्यार्थी है और समय आपको संवेदनशील बनाता है। जनसंपर्क से जुड़कर हम समाज राष्ट्र को जोड़कर आगे बढ़ते हैं।
जनसंपर्क दिवस के एक दिन पूर्व जनसंपर्क के महत्व और चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सांस्कृतिक समिति और शोध बीएचयू शोध छात्र रंजीत राय द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार को एनटीपीसी परिसर स्थित काशी विद्यापीठ सभागार में किया गया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि प्रोफेसर गुरु प्रताप सिंह, मुख्य वक्ता डॉ बाला लखेंद्र और विशिष्ट अतिथि डॉक्टर ओम प्रकाश ने संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना उपरांत अतिथियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह से सम्मानित कर की गई।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर मानिकचंद पांडे और धन्यवाद ज्ञापन शोध छात्र रंजीत राय ने किया। इस अवसर पर काशी विद्यापीठ आचार्य परिवार सहित प्रबुद्धजन, समाजसेवी और छात्र-छात्राएं भारी संख्या में उपस्थित रहे।